क़ुरान और दुआ 

"क़ुरान से निकाले गए लेख" अल्लामा मजलिसी द्वारा लिखी गयी किताब "ऐनुल-हयात" से लिया गया  

क़ुरान से कैसे फायेदा उठाएं - इमाम  खोंमैनी

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बहुभाषी क़ुरान   | क़ुरान का अनुवाद |   डाउनलोड - क़ुरान की तफ़सीर (Rar आर्काइव 4 mb फाइल)

700 KB की पीडीऍफ़ फाइल डाउनलोड करें जिसमे ख़ास सुरह हैं, हर एक आयत अनुवाद सहित मौजूद है

ऑडियो फाइल - चुनी हुई ख़ास सुरह 

   
   


1. ऐ मेरे पालने वाले मुझे दुनिया में नेअमत दे और आख़िरत में सवाब दे और दोज़ख़ की बाग से बचा (2:201)


2. ऐ मेरे परवरदिगार हमें कामिल सब्र अता फरमा और मैदाने जंग में हमारे क़दम जमाए रख और हमें काफिरों पर फतेह इनायत कर  (2:250)



ऐ हमारे परवरदिगार अगर हम भूल जाऐं या ग़लती करें तो हमारी गिरफ्त न कर (2:286)



ऐ हमारे परवरदिगार हम पर वैसा बोझ न डाल जैसा हमसे अगले लोगों पर बोझा डाला था (2:286)



ऐ हमारे परवरदिगार इतना बोझ जिसके उठाने की हमें ताक़त न हो हमसे न उठवा और हमारे कुसूरों से दरगुज़र कर और हमारे गुनाहों को बख्श दे और हम पर रहम फ़रमा तू ही हमारा मालिक है तू ही काफ़िरों के मुक़ाबले में हमारी मदद कर . (2:286)



ऐ हमारे पालने वाले हमारे दिल को हिदायत करने के बाद डॉवाडोल न कर और अपनी बारगाह से हमें रहमत अता फ़रमा इसमें तो शक ही नहीं कि तू बड़ा देने वाला है. (3:8)



ऐ हमारे पालने वाले हमारे गुनाह और अपने कामों में हमारी ज्यादतियॉ माफ़ कर और हमको साबित क़दम रख और काफ़िरों के गिरोह पर हमको फ़तेह दे .(3:147)



ऐ हमारे पालने वाले जिसको तूने दोज़ख़ में डाला तो यक़ीनन उसे रूसवा कर डाला और जुल्म करने वाले का कोई मददगार नहीं (3:192)



ऐ हमारे पालने वाले (जब) हमने एक आवाज़ लगाने वाले (पैग़म्बर) को सुना कि वह (ईमान के वास्ते यूं पुकारता था) कि अपने परवरदिगार पर ईमान लाओ तो हम ईमान लाए   (3:193)



ऐ हमारे पालने वाले हमें हमारे गुनाह बख्श दे और हमारी बुराईयों को हमसे दूर करे दे और हमें नेकों के साथ (दुनिया से) उठा ले



ऐ पालने वाले अपने रसूलों की मार्फत जो कुछ हमसे वायदा किया है हमें दे और हमें क़यामत के दिन रूसवा न कर तू तो वायदा ख़िलाफ़ी करता ही नहीं . (3:194)



ऐ हमारे पालने वाले हमने अपना आप नुकसान किया कया और अगर तू हमें  माफ न फरमाएगा और हम पर रहम न करेगा तो हम बिलकुल घाटे में ही रहेंगे  (7:23)



ऐ हमारे परवरिदगार 
हमें ज़ालिम लोगों का साथी न बनाना . (7:47)




हमारे रब, हमारे और हमारी क़ौम के बीच निश्चित अटल फ़ैसला कर दे। और तू सबसे अच्छा फ़ैसला करनेवाला है।. (7:89)



हमारे रब! हमपर धैर्य उड़ेल दे और हमें इस दशा में उठा कि हम खुद क़ो तुझे समर्पित किये हुए हों (7:126)



ऐ हमारे रब! तू हमें अत्याचारी लोगों के हाथों आज़माइश में न डाल (85) "और अपनी दयालुता से हमें इनकार करनेवालों से छुटकारा दिला।" (10:85-86)



हमारे रब! तू जानता ही है जो कुछ हम छिपाते है और जो कुछ प्रकट करते है। अल्लाह से तो कोई चीज़ न धरती में छिपी है और न आकाश में  (14:38)



"हमारे रब! हमें अपने यहाँ से दयालुता प्रदान कर और हमारे लिए हमारे अपने मामले को ठीक कर दे।" . (18:10)



"ऐ हमारे रब! हमें हमारी अपनी पत्नियों और हमारी संतान से आँखों की ठंडक प्रदान कर और हमें डर रखनेवालों का नायक बना दे।"  (25:74)



"ऐ हमारे रब! तू हर चीज़ को व्याप्त है। अतः जिन लोगों ने तौबा की और तेरे मार्ग का अनुसरण किया, उन्हें क्षमा कर दे और भड़कती हुई आग की यातना से बचा लें  (40:7)



ऐ हमारे रब! और उन्हें सदैव रहने के बागों में दाख़िल कर जिनका तूने उनसे वादा किया है और उनके बाप-दादा और उनकी पत्नि यों और उनकी सन्ततियों में से जो योग्य हुए उन्हें भी। निस्संदेह तू प्रभुत्वशाली, अत्यन्त तत्वदर्शी है  (40:8)



"ऐ हमारे रब! हमपर से यातना हटा दे। हम ईमान लाते है।"  (44:12)



"ऐ हमारे रब! हमें क्षमा कर दे और हमारे उन भाइयों को भी जो ईमानलाने में हमसे अग्रसर रहे और हमारे दिलों में ईमानवालों के लिए कोई विद्वेष न रख। ऐ हमारे रब! तू निश्चय ही बड़ा करुणामय, अत्यन्त दयावान है।"  (59:10)



"ऐ हमारे रब! हमने तुझी पर भरोसा किया और तेरी ही ओर रुजू हुए और तेरी ही ओर अन्त में लौटना हैं। (60:4)



"ऐ हमारे रब! हमारे लिए हमारे प्रकाश को पूर्ण कर दे और हमें क्षमा कर। निश्चय ही तू हर चीज़ की सामर्थ्य रखता है।" (66:8)


आभारी : www.Duas.org

 

हमें अत्यंत प्रसन्नता है की हम क़ुरान की इस अनोखी तफ़सीर का विस्तारपूर्वक अंग्रेज़ी संस्करण पेश कर रहे हैं, जो आक़ा पु'इया अली द्वारा लिखा गया एक अद्भुत चमत्कार है और सच्चाई समझने का एक अकेला रास्ता है

अल्लाह फरमाता है, "पढ़ो, अपने रब के नाम के साथ जिसने पैदा किया, (1) पैदा किया मनुष्य को जमे हुए ख़ून के एक लोथड़े से (2) पढ़ो, हाल यह है कि तुम्हारा रब बड़ा ही उदार है, (3) जिसने क़लम के द्वारा शिक्षा दी, (4) मनुष्य को वह ज्ञान प्रदान किया जिस वह न जानता था" (सुरह संख्या - 96 अल-अलाक़, आयत संख्या 1-5)

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कुरान के मार्गदर्शन के बिना, मानवता अज्ञान के अंधेरे में आज भी भटकती और टटोलती होती!.  

नोट :  rar एक प्रकार की ज़िप फाइल का अप्लिकेशन है जो आप यहाँ क्लिक कर अपने कंप्यूटर पर डाउनलोड कर सकते हैं!

            

     

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