इस अल्लाह के नाम से जिसके फज़ल करम ही उम्मीदवार हूँ, और
इसके अदल ही से डरता हूँ और इसके क़ौल पर भरोसा रखता हूँ
और इसी की रस्सी पकड़े हुए हूँ और दर गुज़र करने और राज़ी हो
जाने वाले (खुदा वंद), मैं ज़ुल्म व दुश्मनी से
और ज़माने के उलट फेर से और पै दर-पाई ग़मों से और पेश आने
वाले हादसों से और आख़ेरत के लिए ख़ैर व नेकी नेकी के ज़ख़ीरों
की फ़राहमी से
क़ब्ल ज़िन्दगी ख़तम होने से तेरी पनाह चाहता हूँ और जिस चीज़
में बेहतरी व दुरुस्ती है इस में तेरी रहबरी चाहता हूँ और
इस चीज़ में में तेरी
मदद चाहता हूँ जिस में कामयाबी व सहूलत हो और मैं तुझ से
मुकम्मल सेहत व तंदुरुस्ती की तमन्ना रखता हूँ की जिस में
हमेशा की सलामती भी शामिल हो
ख़ुदाया मैं शैतानी वसूसों से तेरी पनाह चाहता हूँ और
बादशाहों के ज़ुल्म के मुक़ाबिल तेरी सल्तनत की पनाह लेता
हूँ, पस मेरी नमाज़ें और
रोज़े जैसे भी हैं इन्हें क़बूल फ़रमा, कल का दी और इसके अगले
वक़्त को मेरे आज के दिन और इस घड़ी से बना दे, क़बीले और
क़ौम में
इज़्ज़त अता फ़रमा, ख़्वाब व बेदारी हर हाल में मेरी हिफाज़त
फ़रमा, ऐ अल्लाह! बेहतरीन निगहबान है और सब से ज़्यादा रहम
करने वाला है, ऐ अल्लाह! मै तेरे हुज़ूर में आज के दिन और
इस से अगले इतवार के दिनों में शिर्क व बे दीनी से बरी हूँ
और
ख़ुलूस के साथ तुझ से दुआ करता हूँ की क़बूल हो जाए और मै
सवाब की उम्मीद पर तेरी इताअत पर क़ायम हूँ, पस तू बेहतरीन
मख्लूक़ और हक़
के दायी मोहम्मद मुस्तफ़ा (स:अ:व:व) पर रहमत नाज़िल फ़रमा और
अपनी इज़्ज़त के सदक़े मुझ वह इज़्ज़त दे जिस में ज़ुल्म न हो,
अपनी ना सोने वाली आँख से मेरी हिफाज़त फ़रमा
मेरा ख़ात्मा यूँ हो की तुझी से उम्मीद लगाए रखूँ और मेरी
ज़िंदगी को बख़्शिश पर तमाम कर दे! बेशक तू बख़्शने वाला
मेहरबान है! |
बिस्मिल्लाहिल लज़ी ला आरजू इल्ला फ़ज़लोहु व ला अख़्शा इल्ला
अदलोहू व ला आअ'तमीदो इला क़ौलोहू व ला उमसिको
इला बे हब्लेही, बिका अस्ताजीरो या ज़ा'अल अफ़-वे वर'रिज़वाने
मिन्ज़-ज़ुलमे व अल'उदवाने व मिन ग़ैरीज़-ज़मानी
व तवातुरील अहज़ानी, व तवारीक़िल हदासानि व मिनिन क़िज़ाई
अल'मुद'दती क़ब्लत ता'अहुब्बी व अल'उद'दती व इय्याका
अस्तर'शिदु लीमा फ़ीहिस् सलाहु व अल'इस्लाहु बिका
अस्ता-ई-ईनू फ़ीमा यक़-तरीनु बिहिन नजाहो व अल'ईन्जाहो
व ईय्याका अर-ग़बु फ़ी लिबासिल आफ़ियते व तमामेहा व शमूलिस
सलामती व दवामेहा, व अ'ऊज़ोबेका या
रब्बी मिन हमज़ातिस शयातीने व अह'तरीज़ू बे सुल्तानिका मिन
जौरिस सलातीने फ़-तक़ब्बल मा-काना मिन सलाती
व सौमी, व -ग़दी वमा बा-दोहु अफ़-ज़ला मिन सा-अती व यौमी, वा
ईज़'ज़नी फ़ी अशीरती व क़ौमी
वा अह-फ़ज़्नी फ़ी यक़ज़ती व नौमी,फ़ा अन्ता'अल्लाहो ख़ैरून
हाफ़िज़न, वा अन्ता अर्हमर राहेमीना, अल्लाहुम्मा इन्नी 'अबरा'उ
इलैका फ़ी यौमी हाज़ा व मा बा-अदोहु मीनल अहादी, मिनल शिरके
व अल-इल्हादे, व ऊख़-लेसु लका दुआई
त'अर-रूज़न लिल इजाबती व उक़ीमो अला ता'अतिका रजा'अन लील
ईसाबाति, फ़'सल्ली अला मोहम्मदीन ख़ैरी ख़ल्क़ी-कद
दायीयी इला हक़्क़ी-का व अ'इज़्ज़नी बे'इज़्ज़ेकल लज़ी, ला युज़ामो
वह'फ़ज़्नी बे'ऐनिकल लती ला तनामु
व अख़तिम बिल इन-क़िताई इलैका अमरी, इन्नाका अन्तल ग़फूरुर
रहीम
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بِسْمِ اللهِ الَّذِی لاَ أَرْجُو إِلاَّ فَضْلَہُ، وَلاَ
أَخْشیٰ إِلاَّ عَدْلَہُ، وَلاَ أَعْتَمِدُ إِلاَّ
قَوْلَہُ، وَلاَ أُمْسِکُ
إِلاَّ بِحَبْلِہِ، بِکَ أَسْتَجِیرُ یَا ذَا الْعَفْوِ
وَالرِّضْوانِ مِنَ الظُّلْمِ وَالْعُدْوانِ، وَمِنْ
غِیَرِ الزَّمانِ،
وَتَواتُرِ الْاَحْزانِ، وَطَوارِقِ الْحَدَثانِ، وَمِنِ
انْقِضَاءِ الْمُدّ ةِ قَبْلَ التَّأَھُّبِ وَالْعُدَّةِ،
وَ إِیَّاکَ
أَسْتَرْشِدُ لِمَا فِیہِ الصَّلاَحُ وَالْاِصْلاحُ،
وَبِکَ أَسْتَعِینُ فِیَما یَقْتَرِنُ بِہِ النَّجَاحُ
وَالاِ نْجَاحُ،
وَ إِیَّاکَ أَرْغَبُ فِی لِبَاسِ الْعافِیَةِ وَتَمامِہا
وَشُمُولِ السَّلاَمَةِ وَدَوامِھَا، وَأَعُوذُ بِکَ یَا
رَبِّ مِنْ ھَمَزاتِ الشَّیَاطِینِ،وَأَحْتَرِزُ
بِسُلْطانِکَ مِنْ جَوْرِ السَّلاَطِینِ، فَتَقَبَّلْ
مَاکَانَ مِنْ صَلاَتِی
وَصَوْمِی، وَ َاجْعَلْ غَدِی وَمَا بَعْدَہُ أَ فْضَلَ
مِنْ سَاعَتِی وَیَوْمِی، وَأَعِزَّنِی فِی عَشِیرَتِی
وَقَوْمِی،
وَاحْفَظْنِی فِی یَقْظَتِی وَنَوْمِی، فَأَنْتَ اللهُ
خَیْرٌ حَافِظاً، وَأَ نْتَ أَرْحَمُ الرَّاحِمِینَ۔
اَللّٰھُمَّ إِنِّی أَبْرَأُ
إِلَیْکَ فِی یَوْمِی ھذَا وَمَا بَعْدَہُ مِنَ الْاَحادِ،
مِنَ الشِّرْکِ وَالْاِلْحَادِ، وَأُخْلِصُ لَکَ دُعَائِی
تَعَرُّضاًلِلْاِجَابَةِ، وَأُقِیمُ عَلَی طَاعَتِکَ
رَجَاءً لِلاْثَابَةِ، فَصَلِّ عَلَی مُحَمَّدٍ خَیْرِ
خَلْقِکَ،
الدَّاعِی إِلَی حَقِّکَ، وَأَعِزَّ نِی بِعِزِّکَ الَّذِی
،لَا یُضَامُ، وَاحْفَظْنِی بِعَیْنِکَ الَّتِی لاَ
تَنَامُ،
وَاخْتِمْ بِالانْقِطَاعِ إِلَیْکَ أَمْرِی،
وَبِالْمَغْفِرَةِ،عُمْرِی، إِنَّکَ أَ نْتَ الْغَفُورُ
الرَّحِیمُ۔ |