1 ज़िल्काद से 10 ज़िलहिज्ज का दिन
"अरबाईन-ए-कलिमियाह"
कहलाता है! यह 40 दिन वो हैं, जब हज़रत मूसा (अ:स) कोहे तूर पर अल्लाह से कलाम
करने गए थे! शुरू में यह 30 दिन था, लेकिन बाद में इसमें 10 दिन और जोड़ दिया
गया, जैसा की क़ुरान में सुराः आ'राफ़ की आयत न० 143 में लिखा है! ईन दिंनों में
"ला इलाहा इलल'लाह" की तिलावत मुस्तहब है और इसपर काफ़ी ज़ोर भी दिया गया
है! (ज़्यादा जानकारी के लिये देखिएं - तज़किया-ए-नफ़स, अयातुल्लाह मिस्बाह यज़दी)
तीन लगातार दिनों का रोज़ा (जुमारात, जुमा और सनीचर) रखने का बहुत सवाब है!
यह ज़िल्काद, ज़िलहिज्ज, मुहर्रम और रजब के लिये भी हैं!
हज्ज की तैयारी - ज़रूरी
फ़िक्ही हुक्म नया
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